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मारवाड़ी पोर्टल पर आपरौ घणै मांन सूं स्वागत है. अठै थे मारवाड़ी मांय कवित, कहाणी कै लेख लिख सकौ हौ. थे दूजी भासावां मांय लिख्योड़ा नै मारवाड़ी भासा मांय अनुवादित कर सकौ हौ. --Hanvant 07:02, 7 August 2007 (EDT)
Contents
मारवाड़ी [mwr][edit]
मारवाड़ी भासा(also variously Marwari, Marvari, Marwadi, Marvadi) भारत रै राजस्थांन राज्य मांय बोली जावै, पण पागथिला राज्य गुजरात अर उगमणा पाकिस्तान मांय ई इणरा बोलणिया मिळै है. 13.2 मिलियन बोलणियौ साथै(1997 रा, ca. 13 मिलियन भारत रा राजस्थांन मांय अर 200,000 पाकिस्तान मांय) आ "राजस्थानी समुह" मांय सबसूं म्होठी बोली है. अर राजस्थांनी भारत री सबसूं म्होठी भासा है. पैला मारवाड़ी नै महाजनी लिपी मांय लिखता अर अबार देवनागरी लिपी मांय लिखै है. मारवाड़ी नै अबार भणाई अर राज रा काम काजां मांय कोई मानता कोनी. लारला दिनां मांय केन्द्र सरकार माथै दबाव बणायौ है, कै इणनै मानता देय’र संविधान री 8मी सुची मांय सामल करै. राजस्थांन सरकार मारवाड़ी भासा नै राजस्थांनी भासा रै नांव सूं नै मानता दे दि है.
चोखी मारवाड़ी[edit]
शेखावाटी [swv] (भारत)[edit]
ढुंढारी [dhd] (भारत)[edit]
मारवाड़ी साहित[edit]
राजपुताना रौ पैलड़ौ ख्यात लिखारौ- मुंहता नैणसी (सुंवत १६६५ सूं १७५५ तांई)
नैणसी री ख्यात अर विगत राजपुताना रै इतिहास री घणी चाईजती पोथियां हैं। राजस्थानी साहित मांय ई इण दोनूं पोथियां री जागा ठैट धकली पांत में है। मुंहता नैणसी रै बडैरां मारवाड़ रै ऊंचै ऒदां माथै काम करियौ, इण सारुं आ गुवाड़ी इज मुइणोतां री गुवाड़ी बाजण लागगी। नैणसी रै बड़ैरां रौ बखांण जाळोर रै महावीर जैन मिन्दर अर नवळखा जैन मिन्दर री भींतां माथै खुदियोड़ै लेखां में करियोड़ौ है। लेखां सूं ठा पडै कै नैणसी रौ पैलड़ौ बडेरौ मोहन राठौड़ हो, जिण आपरै ढळतै बरसां में जैन धरम अंगेज लियौ, उण रै लारै उण रौ भाई सौभागसेन ई जैनी बणग्यौ। इणी’ज मोहन राठौड़ रौ नवमौं वंसज नैणसी रौ बाप जयमल्ल हो। मुगळ बादसा जहांगीर जद मारवाड़ रै धणीं गजसिंघ सूं राजी हूयनै जाळोर इणायत कीयौ तद उणां जयमल्ल नै जाळोर री हाकमी दी। उणरी चाकरी सूं राजी व्हैय’र महाराजा उणनै जोधाणै रो दीवाणं बणाय दियौ। नैणसी १६११ ईस्वी में जलम्यौ हो। मोटियार व्हैता ई उणनै मारवाड़ री फौज में ऒदौ मिलग्यौ। नैणसी सागेडौ सेना-नायक साबित हुयौ।
ठेट सूं ई नैणसी इतिहास में रम्योड़ौ हो। वो जठीनै ई जावतौ उठै रा चारण-राव अर बूढै-बडैरां सूं जरुर मिळतौ, बहियां बांचतौ, बड़ैरां सूं बंतळ करतौ। उणा सागै हथाई माथै होका खुड़कावतौ, उण ठौड़ रा लेखां अर साहित सूं वाकब हूवतौ, कीं चोखी बातां हींयै उतारतौ अर कीं नीज डायरी रै पानड़ा में अटकाय लेवतौ। नैणसी राज रै ऊंचै ऒदै माथै होइज, सो उणनै अठी-उठी फिर भटक अर बातां निरखण-परखण रौ मोकौ मिळियौ। घूम-फिर, जांणकारी भेळी कर उण आपरी जांणकारी रै पांण दो पोथियां लिखी-ऐक नैणसी री ख्यात अर बीजी मारवाड़ रै परगणां री विगत। महाराजा जसवंतसिंघ मुगळा री हिमायत में दिखणियां सूं जूंझतां थका नैणसी अर सुन्दरदास ने ई आप सागै बुलाय लिया। उठैई महाराजा किणी अणजाणी वजै सूं रिसीजग्या अर भाई समैत नैणसी ने अपड़ कर कैद कर लियौ। जिणरी वजै कायस्थ हां, वै महाराजा रा काण भरण लागा। दोनां ने कित्ताई सताया, कूपितां करी पण तोई वै टस-सूं-मस ई को हुया नीं। इण मुजब मारवाड़ में हाल तांई नैणसी अर सुन्दरदास बाबत कैयोड़ा ऐ दूहा-सोरठा घर-घर चावा है--
लाख लखारा नीपजै, बड़ पीपळ री साख।
नटियौ मूथौ नैणसी, तांबौ देण तळाक॥
लेसौ पीपळ लाख, लाख लखारा लावसी।
तांबौ देण तळाक, नटियौ सुन्दर नैणसी॥
दोनुंई भायां माथै कानां रा कीड़ा झडै जैड़ी कुपीतां हुवण लागी जद उणां ऐड़ै जीवण सूं छुटकारौ पावण सारु आतमघात कर अर पराण तज दिया। इण मुजब मारवाड़ रै इण पैलड़ै इतिहास लिखारै री लिला घणी दोजखी अर दुखदायी तरै सूं खतम हुई। नैणसी री खास कारीगरी आ है कै उण आपरै बखांण ने कोरौ राजावां अर ठाकरां तांई नीं राखियौ-धोबी, चमार, सरगरा अर समाज रै ठेट नीचल्लै मिनखां ने ई को छोड़ियौ नीं। प्रसासक रै रुप में नैणसी खरौ उतरियौ। घणा नीं तोई बीस बरसां तांई उण मारवाड़ रै न्यारै-न्यारै मोटै ऒदां माथै सावळ चुतराई सूं काम करियौ।
सगळौ ज्ञानकोश प्रकल्प[edit]
बारला लिंक[edit]
- राजस्थांन अर राजस्थांनी री सगळी जाणकारी
- Hanvant's Rajasthani Dictionary
- Hanvant's Language Family Trees
- जोधपुर (जोधाणै) री हथाई माथै पधारौ सा !